June 19, 2025

Paris Paralympics 2024: हरविंदर सिंह ने पुरुषों के रिकर्व इवेंट में स्वर्ण पदक जीतकर रचा इतिहास

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Paris Paralympics 2024:

Para Archery - Men's Individual Recurve Open Final - Harvinder Wins India's First Gold In Para Archery

Paris Paralympics 2024:हरविंदर सिंह बने पैरालंपिक्स में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय तीरंदाज

Paris Paralympics 2024

Paris Paralympics 2024: भारत की टीम ने शानदार प्रदर्शन किया है, लेकिन सबसे यादगार क्षणों में से एक तब आया जब हरविंदर सिंह ने पुरुषों के व्यक्तिगत रिकर्व ओपन इवेंट में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। यह जीत न केवल हरविंदर के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, बल्कि उन्हें भारतीय खेल इतिहास में उस तीरंदाज के रूप में स्थापित करती है, जिन्होंने पैरालंपिक्स में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय बनने का गौरव हासिल किया।

फाइनल में दबदबे के साथ जीत

पुरुषों के व्यक्तिगत रिकर्व ओपन इवेंट के फाइनल में हरविंदर सिंह का सामना पोलैंड के लुकाज़ सिसेक से हुआ। हरविंदर का प्रदर्शन शानदार रहा, उन्होंने एकतरफा मुकाबले में 6-0 की जीत हासिल की। यह मैच उनकी कुशलता और सटीकता का प्रदर्शन था, जिन्होंने हर तीर को निशाने पर साधा।

पहले सेट में, हरविंदर ने 28 अंक हासिल किए, जबकि उनके प्रतिद्वंदी लुकाज़ सिसेक 24 अंक ही जुटा सके। इस शुरुआती बढ़त ने पूरे मैच की दिशा तय कर दी। दूसरे सेट में, लुकाज़ ने अपने प्रदर्शन में सुधार किया और 27 अंक जुटाए, लेकिन हरविंदर ने अपने अंतिम तीर के साथ 10 अंक हासिल करते हुए 28 अंक पर अपनी बढ़त को बनाए रखा। तीसरे सेट में हरविंदर का दबदबा जारी रहा, उन्होंने 29 अंक बनाते हुए लुकाज़ के 25 अंकों को पीछे छोड़ दिया, और इस तरह स्वर्ण पदक पर कब्जा जमा लिया।

स्वर्ण पदक तक हरविंदर की यात्रा

हरविंदर सिंह की इस ऐतिहासिक स्वर्ण पदक की यात्रा सालों की मेहनत और समर्पण का परिणाम है। खेल में उनकी शुरुआत शारीरिक चुनौतियों को पार करने के तरीके के रूप में हुई थी, और आज वह दुनिया के शीर्ष पैरा-तीरंदाजों में से एक बन गए हैं। पेरिस में जीता यह स्वर्ण पदक उनका पहला पैरालंपिक पदक नहीं है। इससे पहले, उन्होंने टोक्यो पैरालंपिक्स में इसी इवेंट में कांस्य पदक जीता था, जो उनके खेल में निरंतरता और विकास का प्रमाण है।

Paralympics के अलावा, हरविंदर ने पैरा एशियाई खेलों में भी भारत को गर्व महसूस कराया है। उन्होंने जकार्ता में 2018 के खेलों में पुरुषों के व्यक्तिगत रिकर्व ओपन इवेंट में स्वर्ण पदक जीतने के साथ एक कांस्य पदक भी हासिल किया था। ये उपलब्धियां उनके धैर्य और खेल के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं, और उन्हें उभरते हुए एथलीटों के लिए एक आदर्श बनाती हैं।

भारत का रिकॉर्ड तोड़ पदक संग्रह

पेरिस पैरालंपिक्स में हरविंदर सिंह के स्वर्ण पदक ने भारत की कुल पदक संख्या को 22 तक पहुंचा दिया है, जो पैरालंपिक्स के किसी भी एक संस्करण में भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इससे पहले टोक्यो पैरालंपिक्स में 19 पदकों का रिकॉर्ड बना था, जिसे पेरिस खेलों में भारत ने कई शानदार प्रदर्शनों के साथ पार कर लिया है।

हरविंदर का स्वर्ण पदक पेरिस पैरालंपिक्स में भारत का दूसरा तीरंदाजी पदक भी है। इससे पहले शीतल देवी और राकेश कुमार ने मिक्स्ड टीम कंपाउंड ओपन इवेंट में कांस्य पदक जीता था। तीरंदाजी में इस सफलता से वैश्विक मंच पर भारतीय एथलीटों की बढ़ती ताकत का संकेत मिलता है।

पेरिस में भारत का स्वर्णिम सफर

पेरिस पैरालंपिक्स भारत के लिए विशेष रूप से फलदायी रही हैं, जहां हरविंदर का स्वर्ण पदक इस खेलों में देश का चौथा स्वर्ण पदक है। प्रतियोगिता की शुरुआत में ही, पैरा-शूटर अवनि लेखरा ने शूटिंग में स्वर्ण पदक जीतकर सुर्खियां बटोरीं, जबकि जेवलिन थ्रोअर सुमित अंतिल और बैडमिंटन खिलाड़ी नितेश कुमार ने भी अपने-अपने इवेंट्स में स्वर्ण पदक जीते।

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